।। श्रीहरिः ।।
चाँदीके वरकके नाम पर मिठाइयोंमें गौमांस और जहर
 
बाजारमें मिठाइयों पर नजर आनेवाले चाँदीका वरक आपकी सेहत और आपके बच्चोंकी दिमागी सेहतके लिये बेहत खतरनाक है चाँदीके वरकमें लिपटी मिठाई कैंसर जैसी बिमारीका घर तो है ही, लोगोंकी धार्मिक भावनाओं और आस्थाओंके साथ खिलवाड़ भी है इण्डियन आक्सिकोलॉजी रिसर्च सेण्टर और पी.जी. आई. के कैंसर विभाग द्वारा जून २०१० में किये गये गहन अध्ययनके मुताबिक कोलकाताके बाजारमें ज्यादातर मिठाइयों पर चढ़ाये गये वरकमें लेड ( सीसा), क्रोमियम और घटिया किस्मका एल्यूमिनियम पाया गया सीसेका असर दिमागपर पड़ताहै, इससे बच्चोंकी याददाश्त कमजोर होती है और उनका आई. क्यू. लेवल कम हो जाता है इसी तरह कैडमियम फेफड़ोंमें कैंसरका कारण होता है
कैसे बनता है बरक : चाँदीका वरक बनाने  प्रक्रिया ऐसी है कि जानकारी  बाद वरक लगी मिठाइयों का सेवन करनेवाला कोई व्यक्ति भीतरसे हिल जायेगा चाँदीके पतले-पतले टुकड़ोंको गायों और बैलोंकी आँतमें लपेटकर एक के ऊपर एक (परत-दर-परत) रखा जाता है कि खोल बन जाये फिर इस खोलको लकड़ीके हथौड़ोंसे तब तक पीटा जाता है, जबतक चाँदीके पतले टुकड़े फैलकर महीन वरकमें बदल जायें गोवंशके पशुओंकी आँतकी सबसे बड़ी खूबी होती है कि यह काफी मुलायम और मजबूत होती है, जिसकी वजहसे जल्दी नहीं फटती है इसीलिए इसका उपयोग किया जाता है
वरक बनानेका औजार: पशुओंकी खाल और आँतसे बनी परतें कोलकातासे मँगवायी जाती है और  इन्हें चारों ओरसे समान आकारमें काटकर औजार बनाया जाता है कुछ रसायनोंके घोलमें पूरी रात रखनेके बाद इन पर चमड़ेका कवर चढ़ाया जाता है यह नोटबुक औजार से हजार रुपये तक उपलब्ध है इसे से महीने तक काममें लिया जा सकता है । वरकको अगर इक्रोस्कोपसे देखा जाय  उसमें खून और मल दिखायी पड़ सकताहै
कैंसर : विशेषज्ञोंके अनुसार धातु चाहे किसी भी रूपमें हो, ज्यादातर कैंसर ही पैदा करती है इससे सबसे ज्यादा नुकसान लीवर, किडनी और गलेको होता है इससे पाचन प्रक्रिया पर प्रतिकूल असर तो पड़ता ही है, नर्वस सिस्टम भी प्रभावित हो सकता है
एक अनुमानके मुताबिक देशमें सालाना, लगभग २७५ टन चाँदीके वरक की खपत होती है, जिसे बनानेके लिये ५,१६,००० गायों और ,७२,००० बछड़ोंका वध होता हैं इसे बनानेका  काम मुख्यरूपसे कानपुर, जयपुर, अहमदाबाद, सूरत, इन्दौर, रतलाम, पटना, भागलपुर, वाराणसी,गया और मुम्बईमें होता है
कानून तो बने हैं : हालाँकि चाँदीके इस वरकको लेकर कानून भी बना हुआ है फूड रेगुलेटरी अथॅारिटीके मुताबिक चाँदीके वरकमें ९९.९ फीसदी चाँदी होनी चाहिये संस्थाने यह जाननेके लिये रिसर्च किया कि चाँदीके वरकमें ९९.९ फीसदी चाँदीके साथ . फीसदी कौनसी धातु मिलायी जाती है वैज्ञानिकोंने इसके लिये कुल १७८ नमूने लिये जाँच
करने पर पता चला कि ज्यादातर नमूनोंमें चाँदी ही नहीं थी मिठाइयोंमें इस्तेमाल होने वाले जहरीले वरकके खुलासे से वैज्ञानिक दंग हैं ज्यादे-से-ज्यादे मुनाफेके लालचमें जहर बेचा जा रहा है और सरकार आँख मूँदे हैं
चाँदीके वरकको बनानेमें गाय-बैलकी आँतोंका उपयोग हो रहा है यह शाकाहारियों और धार्मिक भावनाओं के लोगोंके लिये घोरतम पापके समान है खाद्य वस्तुओंपर इसका प्रयोग वर्जित होना चाहिये
‘सन्मार्ग’ समाचार-पत्रसे साभार, कोलकाता