।। श्रीहरिः ।।



आजकी शुभ तिथि
आषाढ़ पूर्णिमा, वि.सं.२०७३, मंगलवार
गुरुपूर्णिमा, व्यासपूजा

किसानोंके लिये शिक्षा




(गत ब्लॉगसे आगेका)
गर्भपात महापाप
गर्भपात करना, नसबन्दी करना आदि महापापोंसे भी आप बचो । पराशरस्मृतिमें आया है‒
यत्पापं    ब्रह्महत्याया       द्विगुणं   गर्भपातने ।
प्रायश्चित्तं न तस्यास्ति तस्यास्त्यागो विधीयते ॥
                                                                         (४ । २०)
ब्रह्महत्याका जितना पाप लगता है, उससे दुगुना पाप गर्भपातका लगता है । उसका कोई प्रायश्चित्त नहीं है । जिस स्त्रीने गर्भपात किया हो, उसका त्याग कर देना चाहिये । परन्तु आज तो पुरुष भी गर्भपातमें सहमत हो जाते हैं; घरवाले भी सहमत हो जाते हैं । सब-के-सब पापी हो गये, क्या करें ? शास्त्रोंकी बात सुनते ही नहीं । न तो स्वयं पढ़ते हैं, न पढ़े हुएकी बात सुनते हैं । ‘सर्वस्य लोचनं शास्त्रं यस्य नास्त्यन्ध एव सः’ ‘शास्त्र सभीके नेत्र हैं । जिसको शास्त्रकी जानकारी नहीं है वह अन्धा ही है ।’
जो पुत्रको ही खा जाय, वह सर्पिणी होती है । अण्डे फूटनेपर जो बच्चे सर्पिणीके घेरेसे बाहर निकल जाते हैं, वे तो बच जाते हैं; परन्तु जो भीतर रह जाते हैं, उनको सर्पिणी खा जाती है । आज तो सन्तानको जन्मने ही नहीं देते, पहले ही उसकी हत्या कर देते हैं । इतना बड़ा पाप आपलोग मत करो । माँ बनो, सर्पिणी मत बनो ! गर्भ गिरानेवाली स्त्री माँ कहलानेके लायक है ही नहीं ।

हम नारनौल गये थे । वहाँ देखा कि गर्भ गिरानेके काममें कई मोटरें लगी हुई हैं, जिनसे जगह-जगह जाकर ऑपरेशन करते हैं, गर्भ गिराते हैं । गर्भका जो खून गिरता है, उसको पीपोंमें भरकर ले जाते हैं । उसका वे क्या करते हैं, यह भगवान् जानें ! मेरेको तो ऐसा वहम होता है कि गर्भको राक्षसी लोग खा जाते होंगे । गर्भपात, नसबन्दी, ऑपरेशन करवानेवालोको सरकार रुपये देती है । अभी यहाँ एक सज्जन मेरे पास आये थे । उन्होंने कहा कि मेरेको आज्ञा हुई है कि दो-तीन ऑपरेशनके केस तुम लाओ, तभी नौकरीमें रखेंगे, नहीं तो नौकरीसे निकाल देंगे ! कितने अन्यायकी बात है ! ऑपरेशनसे नौकरीमें क्या फायदा होगा । केवल जनताका नाश करना है ! राजस्थानमें फरमान निकला है कि जिसके दोसे अधिक बच्चे हैं, वह पंचके चुनाव (इलेक्शन) में खड़ा नहीं हो सकता । अब बच्चोंसे और चुनावसे क्या मतलब है ? मतलब केवल हिन्दुओंका नाश करनेसे है । मुसलमान लोग तीन-तीन, चार-चार ब्याह करते हैं । एक मुसलमानके साठ बालक होनेकी बात मैंने सुनी है । उसकी तीन स्त्रियों हैं और चौथा ब्याह करनेको तैयार है । यहाँसे भी लड़कियोंको ले जाकर पाकिस्तान, ईरान, इराक आदि मुस्लिम देशोंमें उनकी बिक्री की जाती है ।

   (शेष आगेके ब्लॉगमें)
‒‘किसान और गाय’ पुस्तकसे