।। श्रीहरिः ।।


आजकी शुभ तिथि
आश्विन कृष्ण दशमी, वि.सं.२०७३, रविवार
दशमी श्राद्ध, एकादशी-व्रत कल है
गृहस्थोंके लिये


(गत ब्लॉगसे आगेका)

फ्रांसकी सरकारने भी सन्तति-निरोधके उपायोंके प्रचार एवं प्रसारपर कठोर प्रतिबन्ध लगा दिया तथा जनसंख्याकी वृद्धिके लिये अनेक उपाय लागू कर दिये, अधिक सन्तान पैदा करनेवालोंके टैक्स कम कर दिये गये, उनका वेतन तथा पेंशन बढ़ा दी गयी, उनको अनेक प्रकारकी आर्थिक सहायता दी जाने लगी और पुरस्कार भी दिये जाने लगे ।

इंग्लैण्डके प्रथम विश्वयुद्धके समय जनसंख्याकी कमीको देखते हुए स्वास्थ्य-मन्त्रालयके मुख्य चिकित्साधिकारी सर जार्ज न्यूमनने चेतावनी दी कि यदि जनसंख्याकी इस कमीको न रोका गया तो ब्रिटेनकी शक्ति चौथे दर्जेकी हो जायगी । इस कमीको दूर करनेके लिये ‘लीग ऑफ नेशनल लाइफ’ नामक समिति बनायी गयी वहाँके अधिकारियोंने विचार किया कि यदि इंग्लैण्डको अपना अस्तित्व बनाये रखना है तो इसको जनसंख्याकी कमीपर तुरन्त रोक लगानी होगी । इसके लिये सन् १९४४ में एक ‘रायल कमीशन’ की स्थापना की गयी, जिसका उद्देश्य जनसंख्याकी कमीको दूर करनेके विभिन्न उपायोंकी खोज करना था । सर १९४९ में उसने अपनी रिपोर्टमें जनसंख्या-वृद्धिके अनेक उपाय लागू करनेकी सलाह दी; जैसे‒अधिक सन्तानवाले लोगोंको आर्थिक सहायता दी जाय, उनपर टैक्स कम लगाये जायँ, ऐसे मकानोंका निर्माण किया जाय अथवा उनके निर्माणमें सहायता दी जाय, जिनमें सोनेके लिये तीनसे अधिक कमरे हों आदि-आदि । इसके अनुसार इंग्लैण्डमें कई कानून बनाये गये । लोग अधिक सन्तान पैदा करनेमें रुचि लेने लगें‒इसके लिये वहाँ विभिन्न प्रकारकी आर्थिक सहायता तथा पढ़ाई, आवास आदिकी सुविधाएँ दी जाने लगीं । परिणामस्वरूप वहाँ तीव्रगतिसे जनसंख्याकी वृद्धि हुई ।

उपर्युक्त देशोंके सिवाय स्वीडन, इटली आदि देशोंने भी सन्तति-निरोधपर प्रतिबन्ध लगाया । इटलीमें तो यहाँतक कानून बना दिया गया कि सन्ततिनिरोधका प्रचार एवं प्रसार करनेवालेको एक वर्षकी कैद तथा जुर्माना किया जा सकता है । आश्चर्यकी बात है कि परिवारनियोजनके जिन दुष्परिणामोंको पश्रिमी देश भुगत चुके हैं, उनको देखनेके बाद भी भारत-सरकार इस कार्यक्रमको बढ़ावा दे रही है ! ‘विनाशकाले विपरीतबुद्धि’ ! [1]

नारायण !     नारायण !!     नारायण !!!

‒‘देशकी वर्तमान दशा तथा उसका परिणाम’ पुस्तकसे


[1] इस विषयमें और भी बहुत-सी बातें जाननेके लिये गीताप्रेससे प्रकाशित ‘महापापसे बचो’ नामक पुस्तक पढ़नी चाहिये ।