।। श्रीहरिः ।।


आजकी शुभ तिथि
आश्विन शुक्ल एकादशी, वि.सं.२०७३, बुधवार
पापांकुशा एकादशी-व्रत
महापापसे बचो




(गत ब्लॉगसे आगेका)

प्रश्न‒लोगोंको पता लगेगा तो उस कन्याकी बदनामी होगी तथा उसके साथ कोई विवाह भी नहीं करेगा, तो फिर वह क्या करे ?

उत्तर‒पाप किया है तो बदनामी सहनी ही पड़ेगी । गर्भ गिरा देना, आत्महत्या कर लेना और घरसे भाग जाना‒इन तीन हत्याओं (पापों) से बचनेके लिये बदनामी सह लेना अच्छा है । उस कन्याके साथ कोई विवाह करना स्वीकार न करे तो वह घर बैठे ही भजन-स्मरण करे । इससे उसके पापका प्रायश्चित्त भी हो जायगा ।

प्रश्न‒यदि कोई विवाहिता स्त्रीसे बलात्कार करे और गर्भ रह जाय तो क्या करना चाहिये ?

उत्तर‒जहाँतक बने, स्त्रीके लिये चुप रहना ही बढ़िया है । पतिको पता लग जाय तो उसको भी चुप रहना चाहिये । दोनोंके चुप रहनेमें ही फायदा है । वास्तवमें पहलेसे ही सावधान रहना चाहिये, जिससे ऐसी घटना हो ही नहीं । गर्भ गिरानेमें हमारी सम्मति नहीं है, क्योंकि गर्भकी हत्या महापाप है ।

प्रश्न‒नसबन्दी, ऑपरेशन करवानेसे क्या हानि है ?

उत्तर‒यह प्रत्यक्ष देखा जा सकता है कि जिन लोगोंने नसबन्दी करवायी है उनमेंसे बहुतोंके शरीर और हृदय कमजोर हो गये हैं । उनके शरीरमें कई रोग पैदा हुए हैं, हो रहे हैं और होते रहेंगे । पशुओंमें भी हम देखते हैं कि जो बछड़े बैल बना दिये जाते हैं, उनका पुरुषत्व नष्ट होनेसे उनके मांसमें वह शक्ति नहीं रहती, जो शक्ति बैल न बनाये हुए बछड़ोंके मांसमें रहती है । अतः बैल बनाये हुए बछड़ोंका मांस ईराक, ईरान आदि देशोंमें सस्ता बिकता है और बिना बैल बनाये हुए बछड़ोंका मांस महँगा बिकता है‒ऐसा हमने सुना है । इसलिये नसबन्दीके द्वारा पुरुषत्वका अवरोध करनेसे, नष्ट करनेसे शारीरिक शक्ति भी नष्ट होती है और उत्साह निर्भयता आदि मानसिक शक्ति भी नष्ट होती है ।

जो नसबन्दीके द्वारा अपना पुरुषत्व नष्ट कर देते हैं, वे नपुंसक (हिजड़े) हैं । उनके द्वारा पितरोंको पिण्ड-पानी नहीं मिलता[1] । ऐसे पुरुषको देखना भी अशुभ माना गया है । यात्राके समय ऐसे व्यक्तिका दीखना अपशकुन है ।

जिन माताओंने नसबन्दी ऑपरेशन करवाया है, उनमेंसे बहुतोंको लाल एवं सफेद प्रदर हो गया है, जिसका कोई इलाज नहीं है । राजस्थानमें ही नसबन्दी ऑपरेशनके कारण अबतक सैकड़ों स्त्रियाँ मर चुकी हैं और कइयोंको ऐसे रोग हो गये हैं कि डॉक्टरोंने जवाब दे दिया है । यह बात समाचारपत्रोंमें भी आयी है । ऑपरेशन करवानेसे स्त्रियोंके शरीरमें कमजोरी आ जाती है; उठते-बैठते समय आँखोंके आगे अँधेरा आ जाता है, छाती और पीठमें दर्द होने लगता है और काम करनेकी हिम्मत नहीं होती । ऐसा हमने डॉक्टरोंसे सुना है ।

   (शेष आगेके ब्लॉगमें)
‒‘गृहस्थमें कैसे रहें ?’ पुस्तकसे


[1] अङ्गहीनाश्रोत्रियषण्ढशूद्रवर्जम् ।
                                      (कात्यायनश्रौतसूत्रम् १ । १ । ५)