।। श्रीहरिः ।।


आजकी शुभ तिथि
वैशाख शुक्ल चतुर्दशीवि.सं.२०७४, मंगलवार
श्रीनृसिंहचतुर्दशी-व्रत
संसारमें रहनेकी विद्या



(गत ब्लॉगसे आगेका)

कुछ लोग कहते हैं कि पहले जो पाप कर लिया, वह पाप तो हो ही गया, कलंक तो लग ही गया; अब धन क्यों छोड़ें ? यह बुद्धिमानी है क्या ? अरे भाई ! जैसे आप भोजन करने लगे । आपसे कहे कि यह क्या कर रहे हो ? इसमें जहर मिला है । आप यह नहीं कहेंगे कि आपने पहले नहीं कहा, अब तो खायेंगे ही । तुरंत हाथके भोजन फेंक देंगे और उलटी करना शुरू करोगे, खाया हुआ भी निकल जाय तो बड़ा अच्छा है ।

श्रोता–महाराज ! आपको पता नहीं । आजकल झूठ-कपटके बिना निर्वाह नहीं हो सकता । कानून ऐसा बन गया, संसार ऐसा ही हो गया । इसलिए इसके बिना काम नहीं चलता ।

स्वामीजी–अच्छा भाई ! काम चलाओ, कितने दिन चलाओगे ? बीस वर्ष, पचास वर्ष, सौ वर्ष; कितने दिन चलाओगे ? इतना तो समय ही नहीं मिलता ।

श्रोता–अगर नहीं कमायेंगे तो मर जायेंगे ।

स्वामीजी–क्या हर्ज है भाई ! आज बिना पापके मर जाओ । बादमें भी मरना तो है ही, साथमें पापकी गठरी बाँधकर क्या करोगे ? अरे भाई ! बिना पाप ही मर जाओ, क्या हर्ज है ? पाप करनेके लिये मानव-शरीर मिला है क्या ? पाप नहीं करेंगे, अन्याय नहीं करेंगे; भगवान्‌की तरफ बढ़ेंगे–इस प्रकार निश्चय करके बहुत-से लोगोंने मुक्ति पायी है । भाई ! समय अच्छे काममें लगाओ, उत्तम काम करो । नीचा काम मत करो । हर भाई-बहिनको चाहिये कि पाप नहीं करें । अंतःकरणको निर्मल रखो । यह जीवन पवित्र हो जाय, इसलिए यह मानव-शरीर मिला है । अतः उत्तम-से-उत्तम काममें लगे रहना है । अन्यायपूर्वक काम नहीं करना है । ईमानदारीसे अपना जीवन-निर्वाह कर लेना है ।

आजकल शादीमें लड़कोंकी नीलामी होती है नीलामी ! लड़कीका पिता बेचारा स्वयं तो शर्माता है, दूसरोंसे कहता है कि उनके लड़का है, आप बात करो कि हमारी कन्यासे सम्बन्ध कर लें । पूछते हैं, अमुककी लड़की है, आप सम्बन्ध कर लो । जवाबमें, पन्द्रह हजार रुपये कीमत । राम ! राम ! राम ! आज ऐसी दशा है ! कन्याओंका ऐसा तिरस्कार ! ऐसे स्त्री-जातिका तिरस्कार करना ठीक नहीं । किस बात पर हुआ ? पैसोंके बदले । अरे ! पैसे तो आज हैं कल नहीं । पैसे तो नष्ट होनेवाले हैं । कितनी बड़ी भारी दुःखकी बात है, पैसोंके बदले मनुष्यका तिरस्कार । बड़े पापकी बात है, अन्यायकी बात है । भाइयों और बहिनोंसे कहना है कि लड़का ब्याहना हो तो गरीब घरकी लड़की लो । वह काम-धन्धा करेगी, अच्छा व्यवहार करेगी । बड़े घरकी लड़की काम-धन्धा तो करेगी नहीं, मालिकन बन जायगी ।

               (शेष आगेके ब्लॉगमें)
—‘जीवनोपयोगी प्रवचन’ पुस्तकसे