।। श्रीहरिः ।।


आजकी शुभ तिथि–
श्रावण शुक्ल प्रतिपदा, वि.सं.-२०७४, सोमवार
साधनकी मुख्य बाधा



(गत ब्लॉगसे आगेका)
         प्रश्न–सुखासक्ति छोड़नेका अन्य उपाय क्या हैं ?

        उत्तर–अगर भगवान्‌में दृढ़ आस्तिकभाव हो तो व्याकुलतापूर्वक भगवान्‌को पुकारानेसे भी सुखासक्ति छूट जाती है ।
         अगर यह दृढ़ निश्चय हो जाय कि अब मेरेको सुख लेना ही नहीं है तो सुखसक्ति मिटनेमें देरी नहीं लगती । वास्तवमें सुख लेनेके लिये है ही नहीं, यह तो देनेके लिये ही है‘एहि तन कर फल बिषय न भाई’ (मानस ७/४४/१)
         जिन महापुरुषोंकी सांसारिक सुखमें आसक्ति नहीं है, प्रत्युत केवल भगवान्‌में आसक्ति (प्रियता) है, उनका संग करनेसे सुखकी आसक्ति मिट जाती है । संग करनेका तात्पर्य है–उन महापुरुषोंके भाव, मान्यता, आदिमें महत्त्वबुद्धि होना ।
         गहराईसे विचार करनेपर भी सुखासक्ति मिट जाती है; जैसे–संसारका सुख कभी किसीको भी पूरा नहीं मिलता, प्रत्युत अधूरा ही मिलता है । हमारेको धन मिला तो क्या हमारेसे अधिक धन किसीके पास नहीं है ? स्त्रीका सुख मिला तो क्या उससे अधिक गुणवती, सुन्दर स्त्री किसीके पास नहीं है ? हमारेको जो वस्तु  मिली है, उससे बढ़िया वस्तु संसारमें है ही नहीं ? अगर हमारेको बढ़िया-से-बढ़िया वस्तु मिल भी जाय, तो भी उसका वियोग अवश्यम्भावी है । फिर ऐसे सुखमें हम क्यों आसक्त हों ?
         संयोगजन्य सुखकी आसक्ति सम्पूर्ण पाप, सन्ताप, दुःख, अनर्थ, कलह, हलचल, बाधा आदिका मूल है–ऐसा समझकर अनुभव कर लेनेसे सुखासक्ति मिट जाती है ।
         प्रश्न–काम-क्रोधादि दोष आयें तो साधकको क्या करना चाहिये ?
         उत्तर–उसको ऐसा मानना चाहिये कि दोष मेरेमें नहीं रहते । दोष तो आते हैं और चले जाते हैं, पर मैं वही रहता हूँ । जैसे घरमें कोई कुत्ता आया और चला गया तो न घर कुत्तेका है और न कुत्ता घरका है । ऐसे ही दोष आये और चले गये तो न मैं उन दोषोंका साथी हूँ और न वे दोष मेरे साथी हैं । ऐसा मानकर साधकको उन दोषोंके वशमें नहीं होना चाहिये–‘तयोर्न वशमागच्छेत्’ (गीता ३/३४) अर्थात् उनके अनुसार क्रिया नहीं करनी चाहिये । कामादि दोष उसीको तंग करते हैं, जो उनके वशीभूत हो जाते है । अतः जब भी ये दोष आयें तो साधकको चाहिये कि वह ‘हे नाथ ! हे नाथ !!’ कहकर भगवान्‌को पुकारे । सच्‍चे हृदयसे की हुई पुकार कभी निष्फल नहीं जाती ।

  (शेष आगेके ब्लॉगमें)
–‘साधन-सुधा-सिंधु’ पुस्तकसे