।। श्रीहरिः ।।
जय श्रीक़ृष्ण

सभी सत्संगी भाई-बहनोको सप्रेम हरि-स्मरण ।
हिन्दी पाठकोंके लिये नियमित सत्संग मिले इसी आशयसे हिन्दी भाषामें ब्लॉगका आरम्भ किया गया हैं । सुज्ञ पाठकोंकों नम्र निवेदन है की यह प्रयासमें कोई सुधारकी आवश्यकता हो, गलती हो तो सूचित करनेकी कृपा करें । परम् पूज्य स्वामीजी महाराज अपने जीवनमें सत्संगको विशेष महत्त्व देकर अपना सम्पूर्ण जीवन लगाया । अतः अधिक-से-अधिक लोगोंकों कैसे लाभ हो ? सबका भला हो - इसी उद्देश्यकी पूर्तिके लिए आपका सुझाव, विचार सादर आमंत्रित है ।