Sep
30
हम अपनी तरफसे भगवान्को अपना मानते नहीं, पर भगवान्
अपनी तरफसे हमें अपना मानते हैं । मानते ही नहीं, जानते
भी हैं । बच्चा माँको
अपनी माँ मानता है, पर कभी-कभी अड़ जाता है कि तू मेरा कहना नहीं मानती तो मैं तेरा
बेटा नहीं बनूँगा । माँ हँसती है; क्योंकि वह जानती है कि बेटा तो मेरा ही है । बच्चा समझता है
कि माँको मेरी गरज है, बेटा बनना माँको निहाल करना है,
इसलिये कहता है कि तेरा बेटा नहीं बनूँगा,
तेरी गोदमें नहीं आऊँगा । परन्तु बेटा नहीं बननेसे हानि किसकी
होगी ? माँका क्या बिगड़ जायगा ?
माँ तो बच्चेके बिना वर्षोसे जीती रही है,
पर बच्चेका निर्वाह माँके बिना कठीन हो जायगा । बच्चा उलटे
माँपर अहसान करता है । ऐसे ही हम भी भगवान्पर अहसान कर
सकते है !
भगवान्के एक बड़े प्यारे भक्त थे, नाम याद नहीं है । वे रात-दिन भगवद्भजनमें तल्लीन रहते
थे । किसीने उनके लिये एक लंबी टोपी बनायी । उस टोपीको पहनकर वे मस्त होकर कीर्तन कर
रहे थे । कीर्तन करते-करते वे प्रेममें इतने मग्न हो गये कि भगवान् स्वयं आकर उनके
पास बैठ गये और बोले कि भगतजी ! आज तो आपने बड़ी ऊँची टोपी लगायी ! वे बोले कि किसीके
बापकी थोड़े ही है, मेरी है । भगवान्ने कहा कि मिजाज करते
हो ? तो बोले कि माँगकर थोड़े ही लाये हैं मिजाज
? भगवान् पूछा कि मेरेको जानते हो ? वे बोले कि अच्छी तरहसे जानता हूँ । भगवान् बोले कि यह
टोपी बिक्री करते हो क्या ? वे बोले कि तुम्हारे पास देनेको है ही क्या जो आये हो खरीदनेके लिये ? त्रिलोकी ही तो है तुम्हारे पास, और देनेको क्या है ? भगवान् बोले कि इतना मिजाज ! तो वे बोले कि किसीका उधार
लाये हैं क्या ? भगवान्ने कहा कि देखो, मैं दुनियासे कह दूँगा कि ये भगत-वगत कुछ नहीं हैं तो
दुनिया तुम्हारेको मानेगी नहीं । वे बोले कि अच्छा, आप भी कहा दो, हम भी कह देंगे कि भगवान् कुछ नहीं हैं । आपकी प्रसिद्धि
तो हमलोगोंने की है, नहीं तो आपको कौन जानता है ? भगवान्ने हार मान ली !
माँके हृदयमें जितना प्रेम होता है उतना प्रेम बच्चोंके हृदयमें
नहीं होता । ऐसे ही भगवान्के हृदयमें अपार स्नेह है । अपने स्नेहको,
प्रेमको वे रोक नहीं सकते और हार जाते हैं ! ‘और
सबसों गये जीत, भगतसे हार्यो’ कितनी विलक्षण बात है ! ऐसे भगवान्के हो जाओ । दूसरोंके साथ हमारा सम्बन्ध केवल उनकी सेवा करनेके लिये है ।
उनको अपना नहीं मानना है । अपना केवल भगवान्को मानना है । भगवान्की भी सेवा करनी
है, पर उनसे लेना कुछ नहीं है ।
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