उस लड़कीने अपने पिताजीसे कह दिया‒
‘पिताजी ! आपके जवाँई तो आजकल उद्दण्ड हो गये हैं ?
कहना मानते हैं नहीं । ससुरने बुलाकर कहा कि ऐसा मत करो,
तो कहने लगा‒‘जब आप हमारे ससुर हैं,
तो मेरेको किस बातका भय है ।’
ऐसा होते-होते एक बार उसका जवाँई किसी अपराधमें पकड़ा गया और
उसे फाँसीकी सजा हो गयी । जब लडकीको पता लगा तो उसने आकर कहा‒पिताजी ! मैं विधवा हो
जाऊँगी । पिताजी कहते हैं‒बेटी ! तू आज नहीं तो कल, एक दिन विधवा
हो जायगी । उसकी रक्षा मैं कहाँतक करूँ । मेरेको अधिकार मिला है,
वह दुरुपयोग करनेके लिये नहीं है । बेटीके मोहमें आकर पापका
अनुमोदन करूँ, पापकी वृद्धि करूँ । यह बात नहीं होगी । वे नहीं गये ।
ऐसे ही नाम महाराजके भरोसे कोई पाप करेगा तो नाम-महाराज
वहाँ नहीं जायँगे । उसका वज्रलेप पाप होगा, बड़ा
भयंकर पाप होगा ।
‘धर्मान्तरैः साम्यम्’
(१०) भगवान्के नामकी अन्य धर्मोंके साथ तुलना करना अर्थात् गंगास्नान करो,
चाहे नाम-जप करो । नाम-जप करो,
चाहे गोदान कर दो । सब बराबर है । ऐसे किसीके बराबर नामकी बात
कह दो तो नामका अपराध हो जायगा । नाम महाराज तो अकेला ही है । इसके समान दूसरा कोई
साधन, धर्म है ही नहीं । भगवान् शंकरका नाम लो चाहे भगवान् विष्णुका
नाम लो । ये नाम दूसरोंके समान नाम नहीं हैं । नामकी महिमा सबमें अधिक है,
सबसे श्रेष्ठ है ।
इस प्रकार इन दस अपराधोंसे रहित होकर नाम लिया जाय
तो वह बड़ी जल्दी उन्नति करनेवाला होता है । अगर नाम जपनेवालेसे इन अपराधोमेंसे कभी
कोई अपराध बन भी जाय तो उसके लिये दूसरा प्रायश्चित्त करनेकी जरूरत नहीं है उसको तो
ज्यादा नाम-जप ही करना चाहिये; क्योंकि नामापराधको दूर करनेवाला दूसरा प्रायश्चित्त
है ही नहीं ।
नाम महाराजकी तो बहुत विलक्षण,
अलौकिक महिमा है, जिस महिमाको स्वयं भगवान् भी कह नहीं सकते । इस वास्ते जो केवल
नामनिष्ठ है; जो रात-दिन नाम-जपके ही परायण है,
जिनका सम्पूर्ण जीवन नाम-जपमें ही लगा है;
नाम महाराजके प्रभावसे उनके लिये इन अपराधोंमेंसे कोई भी अपराध
लागू नहीं होता । ऐसे बहुत-से सन्त हुए हैं,
जो शास्त्रों, पुराणों, स्मृतियों आदिको नहीं जानते थे,
परन्तु नाम महाराजके प्रभावसे उन्होंने वेदों,
पुराणों आदिके सिद्धान्त अपनी साधारण ग्रामीण भाषामें लिख लिये
हैं । इस वास्ते सच्चे हृदयसे नाममें लग जाओ भाई;
क्योंकि यह कलियुगका मौका है । बड़ा सुन्दर अवसर मिल गया है ।
नारायण ! नारायण
!! नारायण !!!
‒‘भगवन्नाम’ पुस्तकसे
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