(गत ब्लॉगसे आगेका)
आजकल गोबरसे गैस पैदा की जाती है । उस गैससे बिजली भी पैदा की
जाती है, जिसको कई जगह काममें लिया जाता है । गैस निकलनेके बाद गोबरकी
तेजी कम हो जाती है और वह खेतोंमें देनेके लिये बढ़िया खाद हो जाती है ।
संखिया, भिलावा आदि बड़े-बड़े जहरोंकी शुद्धि भी गोमूत्रसे ही होती है
। सोना, चाँदी आदि धातुएँ भी गोमूत्रसे शुद्ध की जाती हैं । भस्म बनाते
समय उन धातुओंको तपाकर तेलमें, गायकी छाछमें और गोमूत्रमें बुझाकर शुद्ध किया जाता है ।
छोटी बछड़ीका गोमूत्र प्रतिदिन तोला-दो-तोला पीनेसे
पेटके रोग दूर होते हैं । यकृत्-पीड़ामें भी गोमूत्रका सेवन बड़ा लाभदायक होता है । एक संतको दमारोग था । उन्होंने छोटी बछड़ीका गोमूत्र प्रातः
खाली पेट एक तोला प्रतिदिन लेना शुरू किया तो उनका रोग बहुत कम हो गया । छातीमें, कलेजेमें दर्द होता हो तो एक बर्तनमें गोमूत्र लेकर
उसको गरम करे । उस बर्तनपर एक लोहेकी छलनी रखकर उसपर कपड़ा या पुरानी रुई रख दे । वह
कपड़ा या रुई गरम हो जाय तो उससे छातीपर सेक करता रहे । इससे दर्द दूर हो जाता है ।
गोमूत्रसे स्नान करनेसे शरीरकी खुजली मिटती है ।
‒इस प्रकार गोबर और गोमूत्रसे अनेक रोग दूर होत हैं ।
प्रश्न‒गोरक्षासे
क्या लाभ हैं ?
उत्तर‒गायकी रक्षासे
मनुष्य, देवता, भूत-प्रेत, यक्ष-राक्षस, पशु-पक्षी,
वृक्ष-घास आदि सबकी रक्षा होती है । पृथ्वीपर कोई भी ऐसा स्थावर-जंगम प्राणी नहीं है, जो
गायसे पुष्टि न पाता हो । गाय अर्थ, धर्म,
काम और मोक्षको सिद्ध करनेवाली, लोक-परलोकमें
सहायता करनेवाली और नरकोंसे उद्धार करनेवाली है ।
गोरक्षाके लिये बलिदान करनेवालोंकी कथाओंसे इतिहास,
पुराण भरे पड़े हैं । बड़े भारी दुःखकी
बात है कि आज हमारे देशमें पैसोंके लोभसे प्रतिदिन हजारोंकी संख्यामें गायोंकी हत्या
की जा रही है ! अगर इसी तरह गोहत्या होती रही तो एक समय गोवंश समाप्त हो जायगा । जब
गायें नहीं रहेंगी, तब देशकी क्या दशा होगी, कितनी
आफतें आयेंगी‒इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता । जब गायें खत्म हो जायँगी और जमीनसे तेल निकलना बंद हो जायगा, तब खेती कैसे
होगी ? खेती न होनेसे अन्न तथा वस्त्र (कपास) कैसे मिलेगा ?
लोगोंको शरीर-निर्वाहके लिये अन्न,
जल और वस्त्र मिलना भी मुश्किल हो जायगा । राजस्थानके गाँवोंमें
मैंने देखा है कि पहले वहाँ बैलोंके द्वारा जमीनसे पानी निकाला जाता था । फिर वहाँ
बिजली आनेसे बिजलीसे पानी निकलने लगा और बैलोंको लोगोने बिक्री कर दिया । अब अगर बिजली
बंद हो जाय तो पानी भी बंद हो जाता है और लोग दुःख पाते हैं ! यह प्रत्यक्ष देखी हुई
बात है ।
(शेष आगेके ब्लॉगमें)
‒‘किसान और गाय’ पुस्तकसे
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