जो स्त्री पर-पुरुषका चिन्तन करती रहती है तथा जिसकी पुरुषमें
बहुत ज्यादा आसक्ति होती है, वह मरनेके बाद ‘चुड़ैल’
बन जाती है । भूत-प्रेतोंका प्रायः यह नियम रहता है कि पुरुष
भूत-प्रेत पुरुषोंको ही पकड़ते हैं और स्त्री भूत-प्रेत स्त्रियोंको ही पकड़ते हैं;
परन्तु चुड़ैल केवल पुरुषोंको ही पकड़ती है । चुड़ैल दो प्रकारकी
होती‒एक तो पुरुषका शोषण करती रहती है अर्थात् उसका खून चूसती रहती है,
उसकी शक्ति क्षीण करती है;
और दूसरी पुरुषका पोषण करती है,
उसको सुख-आराम देती है । ये दोनों ही प्रकारकी चुड़ैलें पुरुषको
अपने वशमें रखती हैं ।
एक सिपाही था । वह रातके समय कहींसे अपने घर आ रहा था । रास्तेमें
उसने चन्द्रमाके प्रकाशमें एक वृक्षके नीचे एक सुन्दर स्त्री देखी । उसने उस स्त्रीसे
बातचीत की तो उस स्त्रीने कहा‒मैं आ जाऊँ क्या ?
सिपाहीने कहा‒हाँ, आ जा । सिपाहीके ऐसा कहनेपर वह स्त्री,
जो चुड़ैल थी, उसके पीछे आ गयी । अब वह रोज रातमें उस सिपाहीके पास आती,
उसके साथ सोती, उसका संग करती और सबेरे चली जाती । इस तरह वह उस सिपाहीका शोषण
करने लगी । एक बार रातमें वे दोनों लेट गये,
पर बत्ती जलती रह गयी तो सिपाहीने उससे कहा कि तू बत्ती बन्द
कर दे । उसने लेटे-लेटे ही अपना हाथ लम्बा करके बत्ती बन्द कर दी । अब सिपाहीको पता
लगा कि यह कोई सामान्य स्त्री नहीं है, यह तो चुड़ैल है ! वह बहुत घबराया । चुड़ैलने उसको धमकी दी कि
अगर तू किसीको मेरे बारेमें बतायेगा तो मैं तेरेको मार डालूँगी । इस तरह वह रोज रातमें
आती और सबेरे चली जाती । सिपाहीका शरीर दिन-प्रतिदिन सूखता जा रहा था । लोग उससे पूछते
कि भैया ! तुम इतने क्यों सूखते जा रहे हो ?
क्या बात है, बताओ तो सही । परन्तु चुड़ैलके डरके मारे वह किसीको कुछ बताता
नहीं था । एक दिन वह दूकानसे दवाई लाने गया । दूकानदारने दवाईकी पुड़िया बाँधकर दे दी
। सिपाही उस पुड़ियाको जेबमें डालकर घर चला आया । रातके समय जब वह चुड़ैल आयी,
तब वह दूरसे ही खड़े-खड़े बोली कि तेरी जेबमें जो पुड़िया है,
उसको निकालकर फेंक दे । सिपाहीको विश्वास हो गया कि इस पुड़ियामें
जरूर कुछ करामात है, तभी तो आज यह चुड़ैल मेरे पास नहीं आ रही है ! सिपाहीने उससे
कहा कि मैं पुड़िया नहीं फेकूँगा । चुड़ैलने बहुत कहा,
पर सिपाहीने उसकी बात मानी नहीं । जब चुड़ैलका उसपर वश नहीं चला,
तब वह चली गयी । सिपाहीने जेबमेंसे
पुड़ियाको निकालकर देखा तो वह गीताका फटा हुआ पन्ना था ! इस तरह गीताका प्रभाव देखकर
वह सिपाही हर समय अपनी जेबमें गीता रखने लगा । वह चुड़ैल फिर कभी उसके पास नहीं आयी
।