।। श्रीहरिः ।।


आजकी शुभ तिथि–
माघ शुक्ल चतुर्थी, वि.सं. २०७५ शनिवार
नाम-जपका चमत्कार
        


‘लोक लाहु परलोक निबाहू’‘राम’ नाम इस लोक और परलोकमें सब जगह काम देता है । इसलिये गोस्वामीजी कहते हैं‘मेरे तो माँ अरु बाप दोउ आखर’ । ‘र’ और ‘म’ये मेरे माँ-बाप हैं । संसारमें माता-पिताके समान रक्षा करनेवाला, पालन करनेवाला, हित करनेवाला दूसरा कोई है ही नहीं । गोस्वामीजी कहते हैं कि हमारे तो दोनों अक्षर माता-पिता हैं, हमारा पालन करनेवाले हैं

‘र’ रो पिता, माता ‘म’ मो है दोनोंका जीव ।
रामदास कर  बन्दगी  तुरत  मिलावे  पीव ॥

जो माँ-बापका भक्त होता है, उसपर भगवान्‌ राजी हो जाते हैं । ‘राम’ नामसे भगवान्‌ मिल जायँ, दर्शन दे दें । लोकमें, परलोकमें सब जगह ही वह निर्वाह करनेवाला है । लोकमें जो चाहिये, वह देनेवाला चिन्तामणि है और परलोकमें भगवद्दर्शन करानेवाला है । कई ऐसे आदमी देखे हैं, जो दिनभर माँगते रहते हैं, धूमते-फिरते रहते हैं; परन्तु उनका पेट नहीं भरता । ऐसी दशामें वे भी अगर एकान्तमें ‘राम’-‘राम’ करने लग जायँ तो प्रत्यक्षमें उनके भी ठाट लग जायगा । अन्न, जल, कपड़े आदि किसी चीजकी कमी रहेगी नहीं । अब नाम-जप करते ही नहीं तो उसका क्या किया जाय ? नाम-जप करके देखा जाय तो भाग्य खुल जाता है, विलक्षण बात हो जाती है । जीते-जी भाग्यमें विशेष परिवर्तन भगवन्नामसे होता है, इसमें कोई सन्देहकी बात नहीं है । साधारण आदमी भी नाम-जपमें लग जाता है तो लोगोंपर विशेष असर पड़ता है ।


भजन करे पतालामें परगट होत अकास ।
दाबी दूबी नहि  दबे  कस्तूरी  की  बास ॥

कस्तूरीको सौगन्ध दिला दें कि तुम सुगन्धि मत फैलाओ तो क्या वह रुक जायगी ? सुगन्धि तो फैल ही जायगी । इस तरहसे कोई चुपचाप भी भजन करे और किसीको पता ही न लगने दे तो भी महाराज यह तो प्रकट हो ही जाता है । उसकी विलक्षणता, अलौकिकता दीखने लगती है । लोगोंपर असर पड़ने लगता है; क्योंकि भगवान्‌का नाम है ही ऐसा विलक्षण । इसलिये लोक और परलोक दोनोंमें लाभ होता है । साधारण घरका बालक साधु होकर भजनमें तत्परतासे लग जाता है तो वह सन्त-महात्मा कहलाने लगता है । बड़े चमत्कार उसके द्वारा हो जाते हैं, जिसको पहले कोई पूछता ही नहीं था । बात क्या है ? यह सब भगवन्नामकी महिमा है ।

नारायण   !    नारायण    !!    नारायण     !!!



‘मानसमें नाम-वन्दना’ पुस्तकसे