हम अपनी तरफसे भगवान्को अपना मानते नहीं पर भगवान् अपनी
तरफसे हमें अपना मानते हैं । मानते ही नहीं, जानते भी हैं । बच्चा माँको अपनी माँ मानता
है, पर
कभी-कभी अड़ जाता है कि तू मेरा कहना नहीं मानती तो मैं तेरा बेटा नहीं बनूँगा ।
माँ हँसती है; क्योंकि वह जानती है कि बेटा तो मेरा ही है ।
बच्चा समझता है कि माँको मेरी गरज है, बेटा
बनना माँको निहाल करना है, इसलिये कहता है कि तेरा बेटा नहीं
बनूँगा, तेरी गोदमें नहीं
आऊँगा । परन्तु बेटा नहीं बननेसे हानि किसकी होगी ? माँका क्या बिगड़ जायगा ?
माँ तो बच्चेके बिना वर्षोसे जीती
रही है, पर बच्चेका निर्वाह माँके बिना
कठिन हो जायगा । बच्चा उलटे माँपर अहसान करता है । ऐसे
ही हम भी भगवान्पर अहसान कर सकते है ! भगवान्के एक बड़े प्यारे भक्त थे, नाम याद नहीं है । वे रात-दिन
भगवद्भजनमें तल्लीन रहते थे । किसीने उनके लिये एक लंबी टोपी बनायी । उस टोपीको
पहनकर वे मस्त होकर कीर्तन कर रहे थे । कीर्तन करते-करते वे प्रेममें इतने मग्न हो
गये कि भगवान् स्वयं आकर उनके पास बैठ गये और बोले कि भगतजी ! आज तो आपने बड़ी
ऊँची टोपी लगायी ! वे बोले कि किसीके बापकी थोड़े ही है, मेरी
है । भगवान्ने कहा कि मिजाज करते हो ? तो बोले कि माँगकर
थोड़े ही लाये हैं मिजाज ? भगवान् पूछा कि मेरेको जानते हो ?
वे बोले कि अच्छी तरहसे जानता हूँ । भगवान् बोले कि यह टोपी बिक्री
करते हो क्या ? वे बोले कि तुम्हारे पास देनेको है ही क्या
जो आये हो खरीदनेके लिये ? त्रिलोकी ही तो है तुम्हारे पास,
और देनेको क्या है ? भगवान् बोले कि
इतना मिजाज ! तो वे बोले कि किसीका उधार लाये हैं क्या ? भगवान्ने
कहा कि देखो, मैं दुनियासे कह दूँगा कि ये भगत-वगत कुछ नहीं
हैं तो दुनिया तुम्हारेको मानेगी नहीं । वे बोले कि अच्छा, आप
भी कहा दो, हम भी कह देंगे कि भगवान् कुछ नहीं हैं । आपकी
प्रसिद्धि तो हमलोगोंने की है, नहीं तो आपको कौन जानता है ?
भगवान्ने हार मान ली ! माँके हृदयमें जितना प्रेम होता है उतना प्रेम बच्चोंके हृदयमें नहीं होता । ऐसे ही भगवान्के हृदयमें अपार स्नेह है । अपने स्नेहको, प्रेमको वे रोक नहीं सकते और हार जाते हैं ! ‘और सबसों गये जीत, भगतसे हार्यो’ कितनी विलक्षण बात है ! ऐसे भगवान्के हो जाओ । दूसरोंके साथ हमारा सम्बन्ध केवल उनकी सेवा करनेके लिये है । उनको अपना नहीं मानना है । अपना केवल भगवान्को मानना है । भगवान्की भी सेवा करनी है, पर उनसे लेना कुछ नहीं है । |