।। श्रीहरिः ।।



आजकी शुभ तिथि–
शुद्ध ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी, वि.सं.-२०७५, मंगलवार
                    अनन्तकी ओर     



आप सच्चे हृदयसे हे नाथ ! हे मेरे नाथ !इस प्रकार बार-बार भगवान्‌को पुकारो । जरूर फायदा होगा, इसमें सन्देह नहीं है । आप सच्‍चे हृदयसे भगवान्‌में लग जाओ । आप कमजोर हो, पापी हो, अच्छे नहीं हो, इसका विचार मत करो । भगवान् भूतकालको नहीं देखते । वे वर्तमानकी लालसा देखते हैं ।

रहति न प्रभु चित चूक किए की ।
करत सुरति  सय  बार हिए की ॥
                                 (मानस, बाल २९ । ३)

प्रभुके चित्तमें अपने भक्तोंकी की हुई भूल-चूक तो याद नहीं रहती, पर उनके हृदयकी अच्छाईको वे सौ-सौ बार याद करते हैं !

एक भक्त इमलीके वृक्षके नीचे बैठकर भजन करता था । एक दिन वहाँ नारदजी आ गये । उस भक्तने नारदजीसे कहा कि आप भगवान्‌से पूछना कि मुझे कब मिलेंगे । जब नारदजी भगवान्‌के पास गये तो उन्होंने भगवान्‌से उस भक्तकी बात पूछी । भगवान्‌ने कहा कि इमलीके वृक्षके जितने पत्ते हैं, उतने वर्षोंके बाद मिलूँगा । नारदजीने भक्तको बताया कि इमलीके वृक्षके जितने पत्ते हैं, उतने वर्षोंके बाद भगवान् मिलेंगे । भक्तने पुनः पूछा कि क्या यह भगवान्‌ने कहा है ? नारदजीने कहा कि हाँ, खुद भगवान्‌ने कहा है । भक्त खुशीसे नाचने लगा कि मुझे भगवान् मिलेंगे ! भगवान् मिलेंगे !! उसी समय भगवान् वहाँ प्रकट हो गये ! नारदजीने भगवान्‌को देखा तो बोले कि महाराज ! दुनिया झूठ बोलती है, पर आपपर हमारा ऐसा विश्‍वास नहीं था कि आप भी झूठ बोलते हो ! आपने तो जितने इमलीके पत्ते हैं, उतने वर्षोंके बाद मिलनेकी बात कही थी, पर आप तो अभी मिल गये ! भगवान् बोले कि जिस समय इसने पूछा था, उस समय इसकी जितनी लालसा थी, उसके अनुसार इमलीके जितने पत्ते हैं, उतने वर्ष लगते, पर अब मेरेको भगवान् मिलेंगे इस बातको लेकर इसकी उत्कण्ठा इतनी बढ गयी कि समयकी सीमा समाप्त हो गयी !


आपका भजन-स्मरण कैसा है, आपकी साधना कैसी है, यह भगवान् नहीं देखते । वे आपका भाव देखते हैं । भाव बदलते ही दुनिया दूसरी हो जाती है । दुनियाका सब हिसाब बदल जाता है । इसलिये आप चलते-फिरते हरदम केवल प्रार्थना करो कि हे नाथ ! मैं आपको भूलूँ नहीं । भगवान्‌को हे नाथ ! हे मेरे नाथ ! पुकारो । उनकी कृपासे सब काम ठीक होता है । उनकी कृपासे असम्भव भी सम्भव हो जाता है । भगवान्‌के दरबारमें कोई कमी नहीं है । जितनी कमी आती है, हमारी तरफसे आती है ।