प्रश्न‒नामजपसे
भाग्य (प्रारब्ध) पलट सकता है ? उत्तर‒हाँ,
भगवन्नामके जपसे,
कीर्तनसे प्रारब्ध बदल जाता है, नया
प्रारब्ध बन जाता है; जो वस्तु न मिलनेवाली हो वह मिल जाती है; जो
असम्भव है, वह सम्भव हो जाता है‒ऐसा सन्तोंका, महापुरुषोंका
अनुभव है । जिसने कर्मोंके
फलका विधान किया है, उसको कोई पुकारे, उसका नाम ले तो नाम लेनेवालेका प्रारब्ध बदलनेमें आश्चर्य ही
क्या है ?
ये जो लोग भीख माँगते फिरते है,
जिनको पेटभर खानेको भी नहीं मिलता,
वे अगर सच्चे हृदयमें नामजपमें लग जायँ तो उनके पास रोटियोंका,
कपड़ोंका ढेर लग जायगा; उनको किसी चीजकी कमी नहीं रहेगी । परन्तु नामजपको प्रारब्ध बदलनेमें, पापोंको
काटनेमें नहीं लगाना चाहिये । जैसे अमूल्य रत्नके बदलेमें कोयला खरीदना बुद्धिमानी नहीं है,
ऐसे ही अमूल्य भगवन्नामको तुच्छ कामनापूर्तिमें
लगाना बुद्धिमानी नहीं है । प्रश्न‒जब
केवल नामजपसे ही सब पाप नष्ट हो जाते हैं, तो
फिर शास्त्रोंमें पापोंको दूर करनेके लिये तरह-तरहके प्रायश्चित्त क्यों बताये गये
हैं ? उत्तर‒नामजपसे ज्ञात, अज्ञात आदि सभी पापोंका प्रायश्चित्त हो जाता है,
सभी पाप नष्ट हो जाते हैं; परन्तु नामपर श्रद्धा-विश्वास न होनेसे शास्त्रोमें तरह-तरहके
प्रायश्चित्त बताये गये हैं । अगर नामपर श्रद्धा-विश्वास
हो जाय तो दूसरे प्रायश्चित्त करनेकी जरूरत नहीं है । नामजप करनेवाले भक्तसे अगर कोई
पाप भी हो जाय, कोई गलती हो जाय तो उसको दूर करनेके लिये दूसरा प्रायश्चित्त
करनेकी जरूरत नहीं है । वह नामजपको ही तत्परतासे करता रहे तो सब ठीक हो जायगा । प्रश्न‒अगर
कोई सकामभावसे नामजप करे तो क्या वह नामजप फल देकर नष्ट हो जायगा ? उत्तर‒यद्यपि सांसारिक तुच्छ कामनाओंकी पूर्तिके लिये नामको खर्च करना बुद्धिमानी नहीं
है,
तथापि अगर सकामभावसे भी नामजप किया जाय तो भी नामका माहात्म्य
नष्ट नहीं होता । नामजप करनेवालेको पारमार्थिक लाभ होगा ही;
क्योंकि नामका भगवान्के साथ साक्षात् सम्बन्ध है । हाँ, नामको
सांसारिक कामनापूर्तिमें लगाकर उसने नामका जो तिरस्कार किया है,
उससे उसको पारमार्थिक लाभ कम होगा । अगर वह तत्परतासे नाममें लगा रहेगा, नामके
परायण रहेगा तो नामकी कृपासे उसका सकामभाव मिट जायगा । जैसे, ध्रुवजीने सकामभावसे राज्यकी इच्छासे ही नामजप किया था । परन्तु
जब उनको भगवान्के दर्शन हुए, तब राज्य एवं पद मिलनेपर भी वे प्रसन्न नहीं हुए, प्रत्युत
उनको अपने सकामभावका दुःख हुआ अर्थात् उनका सकामभाव मिट गया ।
जो सकामभावसे नामजप किया करते हैं, उनको भी नाम-महाराजकी कृपासे
अन्तसमयमें नाम याद आ सकता है और उनका कल्याण हो सकता है ! |